किसानों को तोहफा दे सकती है मोदी सरकार, 10,000 रुपये सीधे खाते में देने पर विचार

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मोदी सरकार गणतंत्र दिवस के आसपास किसानों को तोहफा दे सकती है। पीएमओ ऐसी योजना लागू करने पर विचार कर रहा है जिसके तहत किसानों के खाते में सीधे राशि भेजी जाए। यह काम उड़ीसा मॉडल की तरह किया जा सकता है।
हाइलाइट्स

  • माना जा रहा है कि ग्रामीण अंचल के लोगों की नाराजगी की वजह से तीन राज्यों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा
  • सरकार प्रत्येक योग्य किसान के खाते में सीधे 10,000 रुपये भेजने का विचार कर रही है
  • हो सकता है कि सरकार द्वारा लागू की जाने वाली इस योजना में लैंडलेस किसानों को शामिल न किया जाए क्योंकि उनपर कर्ज का बोझ नहीं होता है
  • पीएमओ चाहता है कि जल्द से जल्द ऐसी योजना लागू की जाए।

नई दिल्ली :
मोदी सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द किसानों के लिए रिलीफ पैकेज के विकल्प खोले जाएं। आगामी दो सप्ताह में कैबिनेट इस मामले में फैसला ले सकती है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक सरकार प्रत्येक योग्य किसान के खाते में सीधे 10,000 रुपये भेजने का विचार कर रही है। यह धन बीज, उर्वरक और कृषि सामग्री खरीदने के लिए दिया जाएगा।

यह ओडिशा सरकार का मॉडल है और पीएमओ भी इसे गंभीरता से ले रहा है। इसे लेकर लगातार वित्त और कृषि मंत्रालय से बात की जा रही है। ओडिशा में प्रत्येक किसान के खाते में हर साल 10,000 रुपये सरकार डालती है। इसमें करीब 1.4 लाख करोड़ का खर्च आता है। हालांकि राज्य स्तर पर कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है।

हो सकता है कि सरकार द्वारा लागू की जाने वाली इस योजना में लैंडलेस किसानों को शामिल न किया जाए क्योंकि उनपर कर्ज का बोझ नहीं होता है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक पीएमओ ब्रैंड न्यू रूरल पैकेज पर विचार कर रहा है। इसके लिए राज्य सरकारों और मंत्रालयों से आंकड़े मांगे गए हैं।

दूसरे विकल्प के तौर पर पीएमओ के निगाह में तेलांगाना मॉडल भी है। इसके मुताबिक किसानों को एक एकड़ पर 4000 रुपये साल में दो बार दिए जा सकते हैं। हालांकि पूरे भारत में यह स्कीम लागू करने के लिए वास्तविक जमीन धारकों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती है। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए 2 लाख करोड़ का बजट निर्धारित करना भी चुनौती है।

हाल में हुए पांच राज्यों के चुनाव में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने की वजह में ग्रामीण कारणों को मुख्य माना जा रहा है। इसलिए पीएमओ चाहता है कि जल्द से जल्द ऐसी योजना लागू की जाए।

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